हैलो दोस्तो,
मेरा नाम अर्चित है। आज मैं आपको अपने जीवन की सच्ची घटना बताने जा रहा हूँ।
मेरी उम्र 21 साल है और मैं मेरठ में रहता हूँ। यह बात जुलाई 2014 की है! मेरा दाखिला बी.कॉम में हुआ था।
मैं पहले दिन कॉलेज गया! अचानक! मेरी नजर एक लड़की पर गई। क्या खूबसूरत बला थी!
वैसे ज्यादा लम्बी नहीं थी! यही कोई 5′ की थी। एकदम गोरी! पूरा शरीर जैसे साँचे में ढाला गया हो।
आँखें बिल्कुल श्याम काली! उम्र लगभग 20-22 की, जिसकी तरफ देख ले! तो आदमी वहीं थम जाए।
मैं उसे देखते रह गया! क्लास शुरू हुई तो पता चला! कि वो मेरी क्लास में ही है।
एक दिन! मैंने उससे उसका नाम पूछा, उसने अपना नाम प्रिया(बदला हुआ नाम) बताया।
मैंने कहा- कितना प्यारा नाम है!
उसने मेरा नाम पूछा, तो मैंने अपना नाम अर्चित बताया, फिर उसने हाथ मिलाया… क्या मुलायम हाथ थे!
मैंने उससे दोस्ती करने की कोशिश की, और कुछ ही दिनों में! उसने मुझसे दोस्ती कर ली। हम दोनों की दोस्ती प्यार में कब बदल गई, पता ही नहीं चला!
हम कॉलेज में! साथ में रहते, पढ़ते और घूमते थे! कभी कभी मौका मिलने पर हम चुम्बन भी किया करते थे।
हम रोज फोन पर बातें किया करते थे। धीरे धीरे! हम सेक्स की बातें करने लगे, और फोन-सेक्स करने लगे
एक दिन मेरा जन्मदिन था! मैंने उसे मिलने को बुलाया, हम एक रेस्तरां में गए, वहाँ मैंने उसको पार्टी दी। उसके बाद! मैंने उससे कहा- अब मेरा गिफ्ट दो!
उसने पूछा- क्या चाहिए? गिफ्ट में! बोलो।
मैंने कहा- तुम!
उसने कहा- मैं तो आप ही की हूँ! जो चाहे ले लो!
यह सुन! मैंने एक कमरा लिया, और हम वहाँ गए। कमरे में जाते ही! मैंने उसे अपनी बाँहों में भर लिया।
अब उसके होंठों को चूसना शुरू किया! वो भी मेरा साथ देने लगी, हम दोनों की जीभ आपस में मिलने लगी!
हम एक दूसरे के चुम्बन में! इतने डूब गए थे, कि पता ही नही चला! 15 मिनट तक! हम एक दूसरे के होंठों को चूमते रहे!
मैंने उसे अपनी गोद में उठाया, और बिस्तर पर लिटा दिया! मैं भी उसके बगल में जाकर! लेट गया और उन्हें अपनी बाँहों में भर कर प्यार करने लगा।
जिससे वो भी, अपने आप को रोक ना पाई! और मुझे चूमते हुए बोलने लगी- अर्चित, मैं तुमसे बहुत प्यार करती हूँ! वो पागलों की तरह मुझे चूमने और काटने लगी।
अब फिर से चुम्बनों का दौर शुरू हो चला था! जिससे हम दोनों ही! मज़े से एक-दूसरे का सहयोग कर रहे थे। जैसे हम जन्मों से प्यासे रहे हों।
एक एक करके! हमारे सारे कपड़े उतर चुके थे, ओर मैं अपने हाथों से, उसके दोनों चुचे दबा रहा था! कभी उसे अपने होंठों से चूमता! तो कभी दाँतों से काटता!
अब वो कहने लगी- तुम्हारे हाथों में तो जादू है! किसी को एक बार प्यार से छू लो! तो वो तुम्हारी दीवानी हो जाए।
मैंने उसे चूमते हुए बोला- मेरी जान! अभी तो बस तुम्हारा दीवाना बनने का दिल है! तुम मुझे पहले दिन से ही बहुत पसंद थी! मैं इस घड़ी के लिए कब से बेकरार था!
मैंने उसकी पैन्टी को बगल से! पकड़ कर नीचे खींच दिया, और उसकी फूली हुई चिकनी फ़ुद्दी को देख कर मन ही मन झूम उठा।
क्या क़यामत ढा रही थी! एक भी बाल ना था! जो कि शायद! आज ही मेरे लिए उसने साफ़ किए थे।
मैंने आव देखा न ताव! और झट से उसके चिकने भाग को चूम लिया! जिससे प्रिया किलकारी मार कर हँसने लगी।
धीरे धीरे! मैं उसकी आग भड़काने के लिए! उसकी चूत के दाने को मसलने लगा। जिसके परिणाम स्वरूप! उसने आँखें बंद करके बुदबुदाना चालू कर दिया
जो काफी मादक थी और माहौल को रंगीन कर रहा थी।‘आआ! आई! ईस्स्स! स्स! और जोर से आअ! ह्हह! हाँ! ऐसे ही! आआ! आह्! बहुत अच्छा लग रहा है!
वो एकदम से अकड़ कर, फिर से झड़ गई! उसके कामरस से मेरी उंगलियाँ भी भीग गई थीं! जो मैंने उसकी पैन्टी से साफ़ की, और फिर उसकी चूत को भी अच्छे से पौंछ कर साफ किया।
वो जब शांत लेटी थी, तो मैं ऊपर की ओर जाकर, फिर से उसके चूचों को चूसने लगा! जिससे थोड़ी देर बाद! वो भी साथ देने लगी।
अब मेरी आअह! निकलने की बारी थी, जो कि मुझे मालूम ही न था। धीरे से उसने अपना हाथ बढ़ा कर! मेरी वी-आकार चड्ढी को थोड़ा उठाकर! किनारे से मेरे लण्ड महाराज को बाहर निकाल लिया।
मेरा लौड़ा पहले से ही सांप की तरह फन काढ़े खड़ा था। उसको देखते ही! उसके चेहरे की ख़ुशी दुगनी हो गई! और बड़े प्यार के साथ वो मेरे लण्ड को मुठियाने लगी।
जिससे मुझे और उसे अब दुगना मजा आने लगा था! अब हम 69 की अवस्था में आ गए और वो मेरे लण्ड को छोटे बच्चों की तरह लॉलीपॉप समझ कर चूसने लगी और जीभ से रगड़ने लगी।
<चूत को चूसने का आइसक्रीम जैसा मजा
जिससे मुझे बहुत अच्छा लगने लगा! और मैं भी उसकी चूत को आइसक्रीम की तरह चूसने चाटने लगा!
जिससे दोनों चरमोत्कर्ष पर पहुँच गए! और सारे कमरे में एक प्रकार का संगीत सा बजने लगा। आआ! ह्ह्ह! ह्ह्ह! अह्ह! पता नहीं कब! हम दोनों के हाथ एक-दूसरे के जननांगों को रगड़ने लगे!
जिससे एक बार फिर से! आह्ह! ऊऊ! ओह्ह! ह्ह! का संगीत कमरे में गूंजने लगा। मेरा लौड़ा अपने पूर्ण आकार में आ चुका था! और उसकी चूत से भी प्रेम रस बहने लगा था!
तभी मैंने देर न करते हुए! उसके ऊपर आ गया, और उसके मम्मों को रगड़ते और चुम्बन करते हुए! अपने लण्ड को उसकी चूत पर रगड़ने लगा!
अब वो जोर-जोर से अपनी कमर हिलाते हुए! मेरे लौड़े पर अपनी चूत रगड़ने लगी। अब वो किसी प्यासी औरत की तरह गिड़गिड़ाने लगी- अर्चित अब और न तड़पा! डाल दे अन्दर! और मुझे अपना बना ले!
अब मैंने उसकी टांगों को उठाकर! अपने कन्धों पर रख ली, जिससे उसकी चूत का मुहाना ऊपर को उठ गया। फिर अपने लौड़े से! उसकी चूत पर दो बार थाप मारी!
जिससे उसके पूरे जिस्म में एक अजीब सी सिहरन दौड़ गई। एक जोर से आअ! ह्ह्ह! निकालते हुए वो मुझसे बोली- और कितना तड़पाएगा अपनी जान को!।। डाल दो जल्दी से अन्दर!
मैंने उसकी चूत के मुहाने पर! लौड़े को लगाया और हल्का सा धक्का दिया! तो लण्ड ऊपर की तरफ फिसल गया! मैंने उसके मम्मों को पकड़ते हुए बोला- सीमा, जरा मेरी मदद तो करो!
उसने मेरे लौड़े को फिर से! अपनी चूत पर लगाया और अपने हाथों से चूत के छेद पर दबाव देने लगी।
अब मैंने भी वक़्त की नजाकत को समझते हुए! एक जोरदार धक्का दिया। जिससे मेरा लौड़ा उसकी चूत की गहराई में! करीब आधा अन्दर चला गया।
इस धक्के के साथ ही! प्रिया के मुँह से एक दर्द भरी आवाज़ निकल पड़ी- आअ! ह्ह्ह! श्ह्ह! ह्ह! प्रिया की चूत से खून निकल आया और वो दर्द से तड़पने लगी!
मैं थोड़ी देर रुका रहा और उसकी चूचियों को मुँह में लेता! तो कभी होंठों को चूसता! जब उसका दर्द कम हुआ! तो वो अपनी कमर हिलाने लगी!
उसने मुझे इशारा किया! कि अब धक्के लगाओ! मैं धीरे धीरे से! उसकी चूत में धक्के लगाने लगा! और उसने जोर से आहें भरनी शुरू कर दी- आअ! ह्ह! श्ह्ह! ह्ह!
अब मैं लौड़े पर दबाव बनाते हुए चूत के अन्दर लौड़ा घुसाने लगा। उसकी चूत की गर्मी! मैं लण्ड पर महसूस कर रहा था! लग रहा था! जैसे लौड़ा गर्म भट्टी में डाल दिया हो!
उसने चादर को मुट्ठियों में कस कर पकड़ लिया! क्योंकि मैंने बहुत प्यार से लण्ड अन्दर डाला था! वो चिल्लाई नहीं थी- बस! उम्म! आह! आआ! ऊह्! ऊऊ! ऊउह्! की आवाज़ें निकाल रही थी!
जब लण्ड पूरा अन्दर चला गया! तो मैंने धीरे धीरे! धक्के लगाने शुरु किए और धीरे धीरे स्पीड बढ़ाता चला गया!
मेरे हर धक्के के साथ! उसकी आहह! ऊह्ह! की आवाज़ आ रही थी! जो मुझे और जोशीला बना रही थी!
कुछ देर में वो झड़ गई! पर मेरा नहीं हुआ था, तो मैं धक्कापेल में लगा था! कुछ देर बाद! मैं भी बाहर झड़ गया! और उसकी बगल में लेट गया।
हम दोनों नंगे एक दूसरे की बाँहों में पड़े रहे! एक दूसरे के होंठों को चूसते रहे!
थोड़ी देर बाद! हम उठे फ़िर हम दोनों ने कपड़े पहने! उसको अपनी बाँहों में लेकर लम्बी चुम्बन की, और वहाँ से निकल आए!